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What Bow Did Abhimanyu Use in Mahabharata ( Mahabharat )
महाभारत के युद्ध में अभिमन्यु एक ऐसे यद्ध थे जो 16 साल के आयु में ही वीर गति को प्राप्त किए थे । उनके तर्कसंगत थे लेकिन क्या आपको पता है वीर अभिमन्यु के पास था महादेव का रुद्र धनुष आखिर उनको कैसे प्राप्त हुआ था यह दिव्य धनुष ।
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अभिमन्यु के माता पिता कौन थे ? Mahabharat
वीर अभिमन्यु पांच पांडवों में से एक धनुर्धार अर्जुन और उनकी पत्नी देवी सुभद्रा का बेटा था। वीर अभिमन्यु सुभद्रा भगवान श्री कृष्ण की बहन थी यानी कि अभिमन्यु श्री कृष्ण का भांजे थे ।
अभिमन्यु किसके अवतार थे ? Mahabharat
अभिमन्यु चंद्रदेव का पुत्र बर्चा का अवतार थे , इसका पीछे एक कारण है यह कथा के अनुसार एक बार स्वर्ग लोक में सभी देवों को अपने पुत्र धरती पर भेजने थे चंद्रदेव से भी उनका पुत्र वर्चा को भेजने के लिए कहा गया था । चंद्रदेव ने कहा कि व अपने पुत्र से ज्यादा लंबे समय तक दूर नहीं रह सकते , वह मात्र 16 साल की आयु के लिए अपने पुत्र को धरती पर भेजेंगे फिर उसे वापस अपने पास ले जाएंगे ।
चंद्रदेव का यह पुत्र अभिमन्यु के रूप में अवतरित हुए थे , यानी कि अभिमन्यु के जन्म से पहले ही यह तय हो गया था कि उनकी मृत्यु मात्र 16 साल के आयु में ही होने वाला है।
अभिमन्यु के गुरु कौन थे ? Mahabharat
अर्जुन पुत्र अभिमन्यु के दो गुरु थे एक थे भगवान श्री कृष्ण और दूसरे थे उनके बड़े भाई शेषनाग के अवतार भगवान बलराम । भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें कई तरह की युद्ध नीति सिखाई थे , उन्हो ने भगवान श्री कृष्ण से अनेका अनेक दिव्य अस्त्र भी प्राप्त किए थे । उनमें से शक्तिशाली अस्त्र जैसे कि इंद्रास्त्र वरुणा अस्त्र और ब्रह्मास्त्र भी शामिल था वह एक गदा युद्ध भी थे , उन्होंने गदा युद्ध अपने बड़े मामा श्री यानी बलदाऊ से शिक्षा प्राप्त किए थे ।
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अभिमन्यु को रुद्र धनुष किसने दिया था ? Mahabharat
बलराम जी से ही उन्होंने महादेव का दिव्य धनुष रुद्र धनुष को
प्राप्त किए थे । यह धनुष बलराम जी ने महादेव का तपस्या कर उन्हें प्रसन्न करके प्राप्त किए थे अभिमन्यु को महाभारत काल के महान योद्धाओं में से एक माना जाता है।
कहा जाता है कि उनके जितना पराक्रमी महाभारत काल में और कोई नहीं था , मात्र 16 साल की आयु में उन्होंने अकेले ही कौरवों के प्रमुख सेनाओं को जख्मी कर दिया था ।
महाभारत के युध मे अभिमन्यु ने किसका वध किया था ? Mahabharat
महाभारत के युद्ध में वीर अभिमन्यु ने दुर्योधन के पुत्र लक्ष्मण, रुख मर्थ ,बृहद बाला ,शल्य पुत्रों दुश्मना ,आरा ,समेत कई योद्धाओं को मार गिराए थे । उनका मृत्यु चक्रव्यू के अंदर घुसने के बाद हुआ था क्योंकि वह चक्रव्यू को बेदना जानते थे परंतु उसे लौटकर वापस आना उनके पास यह ज्ञान नहीं था ।
वीर अभिमन्यु का वध कैसे हुआ था ?
कहा जाता है कि अभिमन्यु ने चक्रव्यू के छह चरण पार कर लिए थे , अब बस सातवें और आखिरी चरण को भेदना था। इसी दौरान उन्होंने दुर्योधन के पुत्र लक्ष्मण का वध किए थे इसे देख , दुर्योधन अत्यंत क्रोधित हो गया था । उसने युद्ध के सारे नियम ताक पर रखे और सात युद्ध के साथ अभिमन्यु से युद्ध करने भेज दिया।
कौरवों ने अभिमन्यु का रथ तोड़ दिया और बारंबार बार करने लगे , परंतु अभिमन्यु ने हार नहीं माना वह रथ के प से खुद को बचाते हुए युद्ध करने लगा और अपनी आखिरी सांस तक लड़ता रहा और अंतिम में उसने वीरगति को प्राप्त किया था ।
अभिमन्यु के पत्नी और पुत्र
उन्होंने विराटनगर के राजकुमारी उत्तरा से विवाह किए थे जिनसे उनको परीक्षित नामक एक पुत्र प्राप्त हुआ था जो कि आगे चलकर कलयुग का शुरुआत का कारण बने थे ।
हर हर महादेव ओम नमः शिवाय